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क्‍या देश की सुरक्षा का हुआ सौदा? सीबीआई ने लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा और रिश्वत देने वाले विनोद कुमार को गिरफ्तार कर लिया घर के कोनों से कुल 2.23 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई. नोटों की गिनती के लिए लाई गई मशीनें भी गर्म हो गईं

By admin Dec 24, 2025

दिल्ली के उस बंद कमरे में नोटों की गड्डियां इस कदर बिखरी थीं कि सीबीआई के अनुभवी अफसरों की भी आंखें फटी रह गईं. अलमारियां खोली गईं तो कपड़े कम और गुलाबी नोटों के बंडल ज्यादा थे. आलम यह था कि छापेमारी करने गई टीम नोट गिनते-गिनते थक गई, लेकिन खजाना खत्म होने का नाम नहीं ले रहा था.
देश की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली वर्दी के पीछे भ्रष्टाचार का ऐसा वीभत्स चेहरा छिपा होगा, इसकी कल्पना शायद ही किसी ने की थी. सवा दो करोड़ रुपये का कैश, दुबई से जुड़े तार और पति-पत्नी दोनों ही कर्नल रैंक के अधिकारी. यह महज एक रिश्वत का मामला नहीं बल्कि भरोसे का कत्ल है. जब रक्षक ही करोड़ों के लालच में भक्षक बन जाए तो पूरे सिस्टम की नींव हिल जाती है. सीबीआई की इस कार्रवाई ने रक्षा गलियारों में हलचल तेज हो गई.

दुबई कनेक्शन और रिश्वत कमांड
इस सनसनीखेज कांड की शुरुआत 19 दिसंबर 2025 को हुई. सीबीआई को इनपुट मिला था कि रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग में तैनात डिप्टी प्लानिंग ऑफिसर, लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा एक बड़ी साजिश का हिस्सा हैं. हैरानी की बात यह है कि इस खेल में उनकी पत्नी कर्नल काजल बाली का नाम भी एफआईआर में दर्ज है जो खुद राजस्थान के श्रीगंगानगर में कमांडिंग ऑफिसर (CO) हैं. आरोप है कि दुबई की एक कंपनी के इशारे पर रिश्वत का यह पूरा नेटवर्क काम कर रहा था.

नोट गिनने की मशीनों पड़ गई गर्म
जब सीबीआई की टीम दिल्ली स्थित दीपक शर्मा के आवास पर पहुंची तो वहां का नजारा किसी फिल्मी सीन जैसा था. घर के कोनों से कुल 2.23 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई. नोटों की गिनती के लिए लाई गई मशीनें भी गर्म हो गईं और अधिकारियों को घंटों तक पसीना बहाना पड़ा. श्रीगंगानगर से भी 10 लाख रुपये नकद और कई संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए गए हैं. यह भारी भरकम रकम बता रही है कि यह खेल लंबे समय से चल रहा था.

क्‍या देश की सुरक्षा का हुआ सौदा?
सीबीआई ने लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा और रिश्वत देने वाले विनोद कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. कोर्ट ने दोनों को 23 दिसंबर 2025 तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. अब जांच का केंद्र वह दुबई बेस्ड कंपनी है जिसके लिए यह अधिकारी काम कर रहे थे. जांच एजेंसियां यह पता लगा रही हैं कि क्या इस रिश्वत के बदले देश की सुरक्षा से जुड़ी कोई संवेदनशील जानकारी भी लीक की गई है.

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