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*बीमार एवं घायल यात्रियों के लिए देवदूत का कार्य कर रहे सुरक्षा बल*
*केदारनाथ धाम व यात्रा मार्ग में तैनात सुरक्षा बलों द्वारा बीमार एवं घायल तीर्थ यात्रियों का त्वरित रेस्क्यू कर कराया जा रहा उपचार*
श्री केदारनाथ धाम यात्रा में प्रतिबद्धता से अपनी ड्यूटी निभा रहे रेस्क्यू टीम के जवान यात्रियों के लिए किसी देवदूत से कम नहीं। खासतौर पर बीमार एवं चोटिल यात्रियों को रेस्क्यू करने एवं उपचार दिलाने के लिए कार्य कर रही रेस्क्यू टीम केदारनाथ यात्रा का अहम हिस्सा है। डीडीएमए, यात्रा मैनेजमेंट फोर्स, पीआरडी जवान, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ एवं पुलिस बल के संयुक्त प्रयासों से रेस्क्यू टीम विभिन्न पड़ावों पर कार्य कर रही है।
बीते रोज मध्य प्रदेश से केदारनाथ धाम में दर्शनों को पहुंची 69 वर्ष की उर्मिला देवी का पैर फ्रैक्चर हो गया। सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम ने पहले उन्हें विवेकानंद अस्पताल में उपचार हेतु पहुंचाया। बाद में प्लास्टर लगने के बाद हेलीपैड पहुंचा कर उपचार हेतु हेली से रवाना कराया। वहीं तेलांगाना से यात्रा पर पहुंची 36 वर्षीय डुंडा लाहरी जो भीमबली के समीप घोड़े से नीचे गिर गई उसे डीडीआरएफ की रेस्क्यू टीम द्वारा पहले भीमबली एमआरपी में उपचार हेतु ले जाया गया। जहां से मिठ्ठी पानी, जंगलचट्टी, चीरबासा से गौरीकुण्ड तक विभिन्न पड़ावों की रेस्क्यू टीम ने उन्हें सुरक्षित पहुंचाते हुए उपचार हेतु रूद्रप्रयाग रवाना किया।
बता दें कि यात्रा प्रारंभ होने से अब तक ओपीडी एवं इमरजेंसी के माध्यम से 46,335 श्रद्धालुओं का उपचार किया जा चुका है। इसके अलावा 2790 श्रद्धालुओं को ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। वहीं आपात स्थिति के तहत 4024 श्रद्धालुओं का उपचार किया जा चुका है। जबकि अति आपातकाल जैसी स्थिति में अब तक 32 श्रद्धालुओं को विभिन्न क्षेत्रों से रेस्क्यू टीम गौरीकुंड तक रेस्क्यू कर एंबुलेंस के माध्यम से तथा 23 को हैली के माध्यम से हायर सेंटर रेफर किया जा चुका है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एचसीएस मार्तोलिया बताते हैं कि इनके अतिरिक्त श्री केदारनाथ धाम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 17001 श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग भी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि यात्रा आरंभ होने से ही स्वास्थ्य विभाग लगातार स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु गंभीर है।
जिला प्रशासन द्वारा हर पड़ाव पर तैनात रेस्क्यू टीम द्वारा नियमित किए जा रहे रेस्क्यू अभियान यात्रियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। रेस्क्यू सेवाओं का लाभ लेने वाले यात्रि एवं उनके परिजन इस व्यवस्था से प्रभावित होते हुए रेस्क्यू टीम एवं जिला प्रशासन का आभार जता रहे हैं।
जिला सूचना अधिकारी,
रुद्रप्रयाग।