जीबी पंत इंजीनियरिंग कालेज की महिला प्रो. आत्महत्या मामले में डॉ.ए.के. गौतम के खिलाफ मुकदमा चलेगा
सहायक प्रो. डॉ. चन्द्रवंशी के खिलाफ हाईकोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने की पौड़ी पुलिस को मिली हरी झंडी
तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने बोर्ड बैठक में हुए फैसले पर मुहर लगाई
देहरादून। प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने तकनीकी संस्थानों से सम्बन्धित प्रशासकीय परिषद की 34वीं बोर्ड बैठक में डॉ.ए.के. गौतम के खिलाफ मुकदमा चलाने व डॉ. सरीश चन्द्रवंशी, सहायक प्रो. जी.बी.पन्त इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी, पौड़ी के विरुद्ध उच्च न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करने के फैसले पर मुहर लगाई। गौरतलब है कि बीते 25 मई 2023 को डॉ. मनीषा ने संस्थान परिसर घुड़दौड़ी से श्रीनगर आकर नैथाणा पुल से अलकनंदा नदी में छलांग लगा दी थी. घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ मनीषा भट्ट ने उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या की थी। इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी की असिस्टेंट प्रो. की आत्महत्या मामले में निदेशक और विभागाध्यक्ष हटा दिए गए थे। (नीचे पढ़ें पूरा मामला)
शुक्रवार को यहां हुई बैठक में मंत्री ने कहा कि 33 वीं बैठक के बिन्दुओं की।पुष्टिकरण के आधार पर डॉ.ए.के. गौतम नन्ही परी सीमान्त इंजीनियरिंग कॉलेज, पिथौरागढ़, के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर मा. उच्च न्यायालय, नैनीताल में अभियोग चलाये जाने तथा डॉ. सरीश चन्द्रवंशी, सहायक प्रो0 जी.बी.पन्त इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी, पौड़ी के विरुद्ध मा. उच्च न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित करने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी को विभागीय अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। मंत्री ने कहा कि आज की बोर्ड बैठक में प्रदेश के इंजीनियरिंग संस्थानों में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), रोबोटिक इंजीनियरिंग, डाटा साइन्स, तथा गेमिंग एनिमेंशन में डिग्री कोर्स उपलब्ध कराने की अनुमति देने का भी निर्णय लिया गया है।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष प्रशासनिक परिषद, रविनाथ रमन, सदस्य सचिव, डॉ. वी.एन. काला, तथा प्रशासनिक परिषद के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
यह था मामला
जीबी पंत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान घुड़दौड़ी के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग में अप्रैल 2019 से असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर डॉ. मनीषा भट्ट सेवारत थी. बीते 25 मई 2023 को डॉ. मनीषा ने संस्थान परिसर घुड़दौड़ी से श्रीनगर आकर नैथाणा पुल से अलकनंदा नदी में छलांग लगा दी थी. घटना की सूचना पर एसडीआरएफ, पुलिस व स्थानीय लोगों ने डॉ. भट्ट को रेस्क्यू कर बेस अस्पताल श्रीकोट में भर्ती कराया था. जहां उन्होंने देररात उपचार के दौरान दमतोड़ दिया था.
असिस्टेंट प्रोफेसर मनीषा भट्ट की आत्महत्या के मामले में शासन ने संस्थान के निदेशक डॉ. वाई सिंह और विभागाध्यक्ष एके गौतम को कुमाऊं मंडल के इंजीनियरिंग कॉलेजों से संबद्ध कर दिया गया था। शासन ने दोनों को सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का प्रथम दृष्टया दोषी माना है।
जीबी पंत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान घुड़दौड़ी की असिस्टेंट प्रोफेसर की आत्महत्या के मामले में शासन ने डीएम पौड़ी की रिपोर्ट मिलने के बाद यह कार्रवाई की है। जारी आदेश में कहा गया है कि मनीषा भट्ट की अप्रैल 2019 में स्थाई नियुक्ति हुई थी। वर्तमान में संस्थान के निदेशक डॉ. वाई सिंह उस दौरान विभागाध्यक्ष थे। बाद में डाॅ. एके गौतम विभागाध्यक्ष हैं। मनीषा की नियुक्ति के बाद से ही दोनों ने उनका मानसिक उत्पीड़न शुरू कर दिया था। असिस्टेंट प्रोफेसर मनीषा भट्ट की आत्महत्या के मामले में शासन ने संस्थान के निदेशक डॉ. वाई सिंह और विभागाध्यक्ष एके गौतम को कुमाऊं मंडल के इंजीनियरिंग कॉलेजों से संबद्ध कर दिया गया था। शासन ने दोनों को सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का प्रथम दृष्टया दोषी माना था।
शासन की ओर से आदेश में कहा गया है निदेशक और विभागाध्यक्ष दोनों के खिलाफ महिला आत्महत्या मामले में मुकदमा दर्ज हुआ। जीबी पंत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान घुड़दौड़ी की असिस्टेंट प्रोफेसर की आत्महत्या के मामले में शासन ने डीएम पौड़ी की रिपोर्ट मिलने के बाद यह कार्रवाई की है। जारी आदेश में कहा गया है कि मनीषा भट्ट की अप्रैल 2019 में स्थाई नियुक्ति हुई थी। वर्तमान में संस्थान के निदेशक डॉ. वाई सिंह उस दौरान विभागाध्यक्ष थे। अभी डाॅ. एके गौतम विभागाध्यक्ष हैं। मनीषा की नियुक्ति के बाद से ही दोनों ने उनका मानसिक उत्पीड़न शुरू कर दिया था।
मनीषा ने आकस्मिक अवकाश लिया
यहां तक कि उन्हें गर्भावस्था के दौरान भी छुट्टी के लिए परेशान किया गया। उन्हें बार-बार यह कहा जा रहा था कि प्रसव अवकाश तभी मंजूर होगा, जब वह वैकल्पिक प्रोफेसर की व्यवस्था कराएंगी। अवकाश न मिलने पर मनीषा ने आकस्मिक अवकाश लिया। इस बीच उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया, लेकिन उसकी भी मौत हो गई। इस सदमे से उबर कर गत 12 मई को मनीषा ने संस्थान में उपस्थिति दर्ज कराई। कॉलेज पहुंचने पर उन्हें पता चला कि विभागाध्यक्ष ने उपस्थिति रजिस्टर से उनका नाम हटा दिया है। यहीं नहीं, आरोप है कि पदोन्नति के मामले में भी विभागाध्यक्ष ने कई बार के अनुरोध के बावजूद मनीषा की पदोन्नति की पत्रावली को आगे नहीं बढ़ाया। महिला को प्रताड़ित और अपमानित करने के साथ ही उनसे अश्लील शब्दों कहे गए। इस पर महिला ने अलकनंदा में कूदकर आत्महत्या कर ली।
निदेशक ने दबा दिया था छात्रा से छेड़छाड़ का मामला
डीएम पौड़ी ने शासन की भेजी रिपोर्ट में यह भी बताया कि विभागाध्यक्ष एके गौतम पहले गौतमबुद्ध विश्विविद्यालय नोएडा में छेड़छाड़ की वजह से वहां से निष्कासित कर दिया गया था। वर्ष 2014 में भी गौतम पर छात्रा से छेड़छाड़ का आरोप लगा था। जिसे निदेशक वाई सिंह ने दबा दिया। आत्महत्या की घटना के लिए निदेशक वाई सिंह एवं विभागाध्यक्ष एके गौतम दोनों दोषी हैं। (साभार)