सोमवार को सीएम धामी के सम्मान में श्री गंगानगर राजस्थान के मानकसर गांव में क्षेत्रवासियों द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। सीएम ने कहा कि गुरु जंभेश्वर भगवान की पूण्यभूमि में आकर वे अविभूत है। उन्होंने कहा कि गुरु जंभेश्वर जी ने जीवन में 29 नियम अपनाने के लिए कहा था। उनके द्वारा दिये गए नियमों को आत्मसात कर आज विश्नोई समाज, वाणी परसंयम रखने के साथ ही अन्य नियमों का पालन कर रहा है।
सीएम धामी ने राजस्थान में वन एवं पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाने वाली अमृता देवी विश्नोई की शहादत को नमन करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड जैसे हिमालय क्षेत्र में वन संरक्षण को लेकर हुए चिपको आंदोलन से तो काफी लोग वाकिफ हैं। परंतु इससे सैकड़ों वर्ष पहले राजस्थान में भी अमृता देवी जी के नेतृत्व मैं चिपको जैसा आंदोलन हो चुका है,जिसमें पेड़ों को बचाने के लिए 363 लोगों ने अमृता देवी जी के नेतृत्व में अपना बलिदान दिया। इस प्रकार हम पीढ़ियों से पर्यावरण के संरक्षक रहे हैं। प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाना हमारा संस्कार है।
सीएम ने कहा कि हमारे पुरखों ने प्रकृति और मानव के सह-अस्तित्व पर एक समृद्ध विचारधारा को पोषित किया और आज सदियों बाद भी, हम उस विचार का, उतनी ही निष्ठा से अनुसरण करते आ रहे हैं। हमारी संस्कृति में वृक्षारोपण और वृक्ष संरक्षण दोनों का ही एक वैभवशाली और अनुसरणीय इतिहास रहा है। अमृता देवी जी और उनके साथियों के बलिदान की गाथा को कोई नहीं भूल सकता। इस महिला सत्याग्रही ने पूरी दुनिया में पर्यावरण संरक्षण और नारी सशक्तिकरण को नए अर्थों में परिभाषित किया।