बोलने से रोकने’ पर मायावती भड़कीं, राज्यसभा से इस्तीफा दिया
- बोलने से रोकने’ पर मायावती भड़कीं, राज्यसभा से इस्तीफा दिया
नई दिल्ली,
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने आज राज्यसभा में बोलने नहीं देने का आरोप लगाते हुए सदन की सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सभापति को तीन पन्ने की चिट्ठी सौंपते हुए अपने इस्तीफे के कारणों का उल्लेख करते हुए अपना इस्तीफा आज की तारीख से स्वीकार करने का आग्रह किया। मायावती का राज्यसभा का कार्यकाल अभी नौ महीने का बचा हुआ था। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि राज्यसभा के सभापति मायावती का इस्तीफा स्वीकार करेंगे या नहीं क्योंकि यह इस्तीफा तय प्रारूप में नहीं दिया गया है।मायावती ने इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘मुझसे यूपीए के साथियों ने इस्तीफा नहीं देने का आग्रह किया, मैं उनकी आभारी हूँ लेकिन अगर सरकार मुझे अपने ही समाज के बारे में बात नहीं रखने दे रही तो मेरे सदन में बने रहने का कोई औचित्य नहीं है।
इससे पहले आज सुबह, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में कथित दलित विरोधी हिंसा को लेकर अपनी बात जल्द खत्म करने को कहे जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने उच्च सदन में कहा, ‘‘मैं राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगी।’’ उपसभापति पीजे कुरियन ने उन्हें अपनी बात तीन मिनट में खत्म करने को कहा। इस पर मायावती नाराज हो गयीं और कहा कि वह एक गंभीर मुद्दा उठा रही हैं जिसके लिए उन्हें अधिक समय चाहिए।
कुरियन के रोकने पर उन्होंने यह भी कहा कि वह जिस समाज से संबंध रखती हैं, उस समाज से जुड़े मुद्दे उठाने से उन्हें कैसे रोका जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं दलितों के खिलाफ हो रही ज्यादतियों को लेकर अपनी बात ही सदन में नहीं रख सकती तो मुझे इस सदन में बने रहने का नैतिक अधिकार भी नहीं है।’’ उप सभापति ने कहा कि नियम 267 के तहत नोटिस देने